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1946-47 में शुरू हुआ था वेतन आयोग, अब 8th Pay Commission से कर्मचारियों को कितना हुआ फायदा, विशेषताएं भी जानिए


8th Pay Commission salary Hike: कर्मचारियों के लिए बनाया गया वेतन आयोग साल 1946-47 में शुरू किया गया था। उसके बाद से लेकर अब तक 7वां वेतन आयोग लागू हो चुका है। उसके बाद से लेकर अब

हाल ही में तक कर्मचारियों को कितना फायदा हुआ है और हर वेतन आयोग की कर्मचारियों के लिए क्या विशेषताएं रही इसके बारे में यह खास रिपोर्ट, जो जरूरी हैं।

विशेषताओं को लेकर जानकारी दिए जाने के लिए शुरुआत पहले वेतन आयोग से की जा रही है।
साल 1946-47 में पहला वेतन आयोग जहां गठित हुआ तो उसके बाद इसे लागू किया गया। इस आयोग की सिफारिशों में आजादी के बाद की काफी चुनौतियां थी।

फिर भी निम्रआय समूहों के लिए बेहतर मानदेय स्ट्रक्चर पर जोर दिया गया था। इसके अलावा न्यूतम वेतन 55 रूपए प्रति माह तय किया गया। दूसरा वेतन आयोग 1957 में गठित हुआ और

1959 में लागू किया गया। इसमें पहले से वेतन बढ़ाकर 80 रूपए प्रति माह किया गया था। पारिवारिक भत्तों का भी प्रावधान रखा गया था। तीसरा वेतन आयोग जो 1973 में लागू

किया गया। फिर इसमें 185 रूपए महीना वेतन किया गया। तीसरे वेतन आयोग में महंगाई भत्ते को भी शामिल किया गया। 1986 में लागू हुए चौथे वेतन आयोग में 750 रूपए प्रति

माह वेतन किया गया, इसमें आवास और यात्रा भत्ते बढ़ाने की सिफारिशें हुई थी 1997 में लागू हुए पांचवें वेतन आयोग में 2250 रूपए प्रति माह वेतन किया गया। इसमें डीए का

पचास प्रतिशत मर्ज करने की सिफारिश रखी गई। फिर 2008 में लागू हुए छठे वेतन आयोग में 7 हजार रूपए प्रति माह वेतन किया गया व प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन पर जोर दिया गया। नवंबर 2016 में लागू हुए 7वें वेतन आयोग में 18000 रूपए वेतन हुआ और डीए दरों को हर साल दो बार संशोधित करने का प्रस्ताव रखा गया। पेंशन में भी सुधार की सिफारिशें बढ़ी थी।
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इस साल हुआ आठवें वेतन आयोग का ऐलान
पीएम की केंद्रीय कमेटी ने इस साल जनवरी महीने में आठवें वेतन आयोग के गठन का ऐलान किया था। जिसमें अब सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में भी बढ़ौतरी होगी। आंकड़ों के अनुसार पे पैनल इस बार 1.92 से 2.86 की रेंज के बीच तय कर सकता है। जहां पिछले वेतन आयोग में वेतन 18000 रूपए था तो वह अब बढक़र 51480 हो जाएगी।

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